जिस देश की 65 फीसदी आबादी युवा है, वह बदलाव भी युवा ही लाएंगे। जोश औऱ जज्बें से भरे यह युवा जब जेंडर,अधिकार जैसे मुद्दों पर बात करें तो मान लेना चाहिए बदलाव शुरू हो चुका है। मौका था राष्ट्रीय बाल भवन में आयोजित मानवाधिकार और महिला मुद्दो पर काम करने वाली स्वयंसेवी संस्था ब्रेकथ्रू के ‘अन-डर’ युवा महोत्सव का जिसमे युवा जुटे थे समाज में लिंग के आधार पर होने वाले भेद्बभाव,अधिकारों और सेफर स्पेस पर बात करने के लिए।
ब्रेकथ्रू ने नाटक, कविताओं से की मुद्दे की बात.