सशक्त बनने के लिए औरतों को आत्मनिर्भर होना होगा।.

यह एक सच्ची घटना है। मैं एक बार कानपुर गयी, अपनी बुआ के घर। मेरी बुआ का परिवार काफ़ी धनी है। उनके घर में किसी भी चीज़ की कोई कमी नहीं है। एक बड़ा घर और हर चीज़ की सुविधा। वहाँ पर घर की औरतें, सोने-चाँदी से सजी रहती हैं। हर तरफ़ सुख-सुविधा है। मैं वहाँ एक हफ़्ते के लिए रहने गयी थी। वहाँ पर कहने को तो औरतें हर चीज़ से परिपूर्ण थी- अच्छे कपड़े, अच्छे गहने, आराम भरी जिंदगी।

मैं बुआ के साथ रसोईघर में जाकर बातचीत करने लगी। बुआ को मैंने अपनी कई पसंद-नापसंद बताई और बताया कि मुझे जीवन में क्या करना है, और कैसे आगे बढ़ना है। किसी के सहारे अपना जीवन व्यतीत नहीं करना है। तभी बुआ ने कहा – “हाँ ,बेटा अच्छा है तुम पढ़ो और अपने पैरों पर खड़ी हो,आत्मनिर्भर बनो, जब चाहो, जहाँ चाहो, आओ -जाओ। हम लोगों को देख लो, दिन भर घर में काम और जब बाहर जाने की बात आती है तो, जो जगह पति निर्णय करते हैं, हमें वहीं जाना पड़ता है, क्योंकि सारी सम्पत्ति का अधिकार केवल उनको है। वो जहाँ चाहे, वहाँ अपना पैसा ख़र्च करेंगे, जब चाहें वो तभी हमें घुमाने लेकर जाएंगे, वो भी अपनी मर्ज़ी से। कहीं बाहर आने-जाने, घूमने -फिरने  में हमारे मन की नहीं चलती। हम बस ज़ेवर पहन कर, घर की शोभा बढ़ाते हैं। हमारी कोई ख़ास इज़्ज़त नहीं। जब मन में आए, मारपीट कर ली, बेइज्ज़ती कर दी। मानो, जैसे हम इंसान तो है ही नहीं”।

तभी फूफा जी घर आये, काफ़ी गुस्से में। उनका गुस्सा बिज़नेस की किसी बात को लेकर था, बुआ कमरे में जाती हैं, पूछती हैं क्या हुआ ? वो गुस्से में उनको गाली देने लगते हैं और कुछ देर के बाद मारपीट की आवाज़ आने लगती है। मैं जाकर ड्राइंग रूम में बैठ जाती हूँ, तभी मेरे मन में एक ख़्याल आता है कि अगर बुआ आत्मनिर्भर होती और कमा रही होती, तो शायद आज ये नहीं होता। फूफा की हिम्मत इतनी जल्दी उनपर हाथ उठाने की नहीं होती। फूफा भी जानते हैं की बुआ एक गृहणी हैं, क्या करेंगी? ज़्यादा से ज़्यादा रो कर शांत हो जाएँगी।

तभी मुझे ये महसूस हुआ की मुझको एक गृहणी बनकर, एक धनी परिवार में शादी कर के, ये जिंदगी नहीं जीना। जहाँ मेरे आत्मसम्मान की अहमियत ना हो। मैंने निर्णय लिया कि मुझको पढ़-लिख कर, शिक्षित होना है और एक आत्मनिर्भर लड़की बनना है। तभी मेरा और मेरे निर्णय का सम्मान होगा। काम-काज़ी होने से मुझमें हमेशा आत्म विश्वास बना रहेगा।

Note: 2018 में ब्रेकथ्रू ने हज़ारीबाग और लखनऊ में सोशल मीडिया स्किल्स पर वर्कशॉप्स आयोजित किये थे। इन वर्कशॉप्स में एक वर्कशॉप ब्लॉग लेखन पर केंद्रित था। यह ब्लॉग पोस्ट इस वर्कशॉप का परिणाम है। 

Leave A Comment.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Get Involved.

Join the generation that is working to make the world equal and violence free.
© 2024 Breakthrough Trust. All rights reserved.
Tax exemption unique registration number AAATB2957MF20214