In Focus, हिंदी 29th August, 2016

आओ बस स्टैंड के माहौल व बसों के सफर को सुरक्षित व हसीन बनाएँ.

रोज़ाना सैंकड़ों-हजारों लड़के लड़कियों को पढ़ाई के लिए व अन्य लोगों को नौकरी व अन्य काम के लिए गांव से शहर आना व शहर से गांव जाना पड़ता है। गांव में शिक्षण संस्थाएं व रोज़गार के साधन कम हैं। इसलिए उच्च शिक्षा व रोज़गार के लिए लोगों का शहर आना जाना लगा रहता है। ये सभी लगभग आने जाने के लिए सार्वजनिक परिवहन साधनों बसों व ऑटो आदि का सहारा लेते हैं। इनमें लड़कियों व महिलाओं की संख्या भी काफी ज़्यादा है लेकिन इस दौरान लड़कियों व महिलाओं को काफी बुरे अनुभवों का सामना करना पड़ता है।

भारत जैसे अधिक जनसंख्या वाले देश में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था वैसे ही चरमराई हुई है। बसों की संख्या बेहद कम है और उसके मुकाबले में भीड़ बहुत ज़्यादा है। ना काफी परिवहन साधनों पर अत्यधिक भीड़ का दबाव है। ऐसे में हमारे परिवहन के साधन जेंडर संवेदनशील तो बिलकुल ही नहीं हैं। बसों में महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों को प्रवेश करने से लेकर, सीट प्राप्त करने व उतरने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सुबह कॉलेज आने व दोपहर को कॉलेज से घर जाने के समय बसों में खचाखच भीड़ व बस के दरवाज़े पर छात्र छात्राओं को लटके हुए सफर करते देखना आम बात है।

सुबह शाम व दोपहर के समय बसों में सफर करना बेहद कटु अनुभव होता है। बसों व परिवहन के अन्य साधनों में लड़कियों महिलाओं के साथ यौन उत्पीडन, गलत तरीके से टच करना, प्राइवेट अंग सटाना, घूरना आम बात है और पुरुष इसे अपना अधिकार समझते हैं और महिलाएं इसे अपनी नियति। भीड़ का फायदा उठाकर कई लोग लड़कियों से सट कर, बस के चलने या रुकने पर धक्का मार के मानो उन्हें खा जाना चाहते हो।ऑटों, बसों में ड्राइवरों द्वारा शीशे को महिला सवारी पर सेट करना, तेज़ आवाज़ में द्विअर्थी गाने बजाना भी यौन उत्पीडन का ही दूसरा रूप है।

बसों में अपने साथ होने वाली यौन उत्पीडन की घटनाओं को लड़कियाँ अपने माँ बाप से भी नहीं बता पाती क्योंकि उन्हें डर रहता है कि माँ बाप उलटे उनकी ही पढ़ाई छुड़वा लेंगे। इस कारण अधिकाँश लड़कियाँ दब्बू, संकुचित बन जाती हैं और खुलकर अपना ध्यान पढाई में, अपने विकास में नहीं लगा पाती। असुरक्षित सफर व असुरक्षित माहौल की वजह से ग्रामीण इलाकों में लड़कियों के दसवीं बारहवीं के बाद स्कूल छोड़ने की दर काफी ज्यादा है।

हरियाणा में महिला आरक्षित सीटों व बसों, ट्रेन कम्पार्टमेंट्स को भी पुरुषों द्वारा एक अनधिकार के रूप में ही लिया जाता है। सरकार और समाज भी बसों, बस स्टैंड आदि के माहौल को जेंडर संवेदी और लड़कियों महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने की बजाये अलग बस चलाने या अलग कोच बना देने में ही समस्या का समाधान मानते हैं, जिससे समस्या उल्टा और बढती है। ज़रुरत अलग बसों की नहीं बल्कि बसों की संख्या और फेरे बढ़ाने, और माहौल को सुरक्षित और संवेदनशील बनाने की है।

लड़के लड़कियों के बीच के लैंगिक भेदभाव व खाई को मिटाकर ही इस माहौल को सुरक्षित बनाया जा सकता है। इसलिए ब्रेकथ्रू पानीपत ज़िले में पानीपत से बापौली के रूट पर बसों में व बस स्टैंड पर इस अभियान को चला रहा है; जिससे हम आपके जुड़ने का आह्वान करते हैं। इस अभियान के दौरान ब्रेकथ्रू पानीपत रोडवेज विभाग के साथ मिलकर 29 अगस्त से 3 सितम्बर के दौरान रोज़ाना  स्थानीय बस स्टैंड पर 1:30 बजे और 2:30 बजे दो नुक्कड़ नाटक दिखायेगा और सुबह बापौली से पानीपत और दोपहर को पानीपत से बापौली की बस में यौन उत्पीडन (सेक्सुअल हरास्स्मेंट) के खिलाफ लोक गीत होंगे।

29 अगस्त को पानीपत रोडवेज के जनरल मेनेजर के साथ मिलकर इस केम्पेन का उद्घाटन किया जायेगा। इसके अलावा 30 अगस्त को स्थानीय एस. डी. कालेज में सैंकडों स्टुडेंट्स के साथ बसों में सुरक्षा और सेग्रिगेसन के मुद्दे पर एक चर्चात्मक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। 3 सितम्बर को वालन्टीयर्स शाम की बस में चढ़कर सफर करेंगे क्योंकि शाम को हरियाणा में सड़कों पर और परिवहन के साधनों में महिलाएं-लड़कियाँ न के बराबर दिखती हैं।

ब्रेकथ्रू इस कैम्पेन के माध्यम से रोडवेज अधिकारीयों, कर्मचारियों व आम सवारियों , बस स्टैंड पर मौजूद लोगों से माहौल को सुरक्षित व लिंग संवेदी बनाने व सहयोग कि अपेक्षा करता है जिससे ज़्यादा से ज़्यादा लड़कियाँ-महिलाएं और सभी किसी भी समय बेख़ौफ़ सुरक्षित सफर कर सकें। ब्रेकथ्रू सभी से इस कैम्पेन में बढ़ चढ़ कर भाग लेने और इस कैम्पेन को सफल बनाने की अपील करता है।

Leave A Comment.

2 thoughts on “आओ बस स्टैंड के माहौल व बसों के सफर को सुरक्षित व हसीन बनाएँ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Get Involved.

Join the generation that is working to make the world equal and violence-free.
© 2024 Breakthrough Trust. All rights reserved.
Tax exemption unique registration number AAATB2957MF20214