In Focus, हिंदी 20th June, 2017

एक पहल: “बेटी का हित, आस पड़ोस सुरक्षित”अभियान.

हाइपर लोकल कैंपेन के लिए हमने झारखंड के सारे प्रखंडों के ग्राम पंचायतों में मुद्दे ढूंढने शुरू किए जहाँ ब्रेकथ्रू के कार्यक्रम चल रहे हैं। सभी जगहों से अलग अलग मुद्दे आएं , कहीं यौन हिंसा, कहीं लिंग भेद भाव, कहीं घरेलू हिंसा आदि। परन्तु सदर प्रखंड के चुटियारों पंचायत में शराब का मुद्दा आया जिससे महिलाओं को घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, बल विवाह सभी तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।  

इस पंचायत में ब्रेकथ्रू द्वारा भी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के दौरान और परिचर्चा के दौरान भी यह मालूम हुआ कि शराब इस पंचायत में सभी सामाजिक समस्याओं की जड़ है।  एक अनुमान के मुताबिक पंचायत के लगभग 70% युवक और पुरुष को शराब पीने की बुरी लत है जो यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और बल विवाह की घटनाओं में उत्प्रेरक का काम करती है।  नवयुवक और पुरुषों द्वारा अपने कुल आमदनी का लगभग 40% शराब पर खर्च किया जाता हैं।  

शराब के सेवन के पीछे भी मुख्य रूप से पुरुषवादी सोच और पितृसत्ता काम करती है।  ऐसे लोग गाँव के सार्वजनिक स्थानों से लेकर घर के अंदर तक हिंसक हो जाते हैं और महिलाओं /लड़कियों के लिए हिंसा और भय का माहौल तैयार करने में अपनी भूमिका अदा करते हैं।   

पता लगाने के क्रम में स्थानीय निवासी श्री बृजलाल राणा ने हमें बताया की पंचायत की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने जिसका नाम प्रगतिशील महिला मंच है, लगभग एक साल पहले इस सामाजिक समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए शराब बंदी हेतु संगठित होकर आक्रामक तरीके से एक अभियान चलाया था जिसका नेतृत्व उषा देवी, बीणा देवी और सरिता देवी ने संभाला था। अगले दिन इन तीन महिलाओं के साथ बैठक किया, उनके द्वारा चलाए गए अभियान के बारे में जाना और “बेटी का हित, आस पड़ोस सुरक्षित” अभियान के बारे में बताया।  जब महिलाओं को यह पता चला कि ब्रेकथ्रू और सहयोगी संस्था झारखंड महिला जागृति इस अभियान  चलाने में हमारा सहयोग करेंगी तो महिलाएँ बहुत खुश हुई और इस अभियान की रूपरेखा तैयार करने में जूट गयी।  

यह अभियान 7/6/2017 से 11/6/2017 तक चला।  तीन दिन तीनों गाँव सरौनी, चुटियरों और डुमर समुदाय द्वारा दीवार लेखन, नुक्कड़ नाटक (आज की आवाज़ ), लोक गीत के माध्यम से लक्षित समूह को मुद्दे पर संवेदनशील बनाने की कोशिश की गयी।  महिलाएं दिवार लेखन के साथ शराब के दुष्परिणामों पर बने लोक गीत गाते हुए आगे बढ़ीं। दीवार लेखन के क्रम में पुरुषों द्वारा बहुत सी फब्तीयाँ आने लगी जैसे की – इनका तो कोई काम ही नहीं है , हम अपने पैसे से पीते हैं आदि। परन्तु चिलचिलाती धूप में भी महिलाएं आगे बढ़ी जा रहीं थी।

10/6/2017 को तीनों गावों से एक रैली निकली। इस रैली में अनुमान था कि 200 महिलाएँ  शामिल होंगी। परन्तु सिर्फ 50 महिलाएँ ही मात्र रैली मैं शामिल हुई। रैली के एक दिन पहले रात को पंचायत के सारे पुरुष वर्ग के लोगों ने एक बैठक बिठाई थी जिसमे निर्णय लिया गया था की किसी भी घर से महिलाओं को नहीं जाने दिया जाएगा।  परन्तु फिर भी प्रगतिशील महिला मंच के सदस्य और रैली में शामिल अन्य महिलाओं और सहयोगी संस्था झारखंड महिला जागृति के सहयोग से रैली डुमर मंडप के पास से निकली और पूरे पंचायत का भ्रमण करते हुए उत्तकृमत उच्च विद्यालय सरौनी के पीछे जो बगीचा है वहां समाप्त हुआ।   

जहाँ 10/6/2017 को रैली के दिन महिलाएँ  शामिल नहीं हो पाई वहीँ 11/6/2017 को जन संवाद में सारे पुरुष अपनी अपनी पत्नियों को लेकर कार्यक्रम में आए।  जन सुनवाही से एक प्रस्ताव निकल के आया:

१. सार्वजनिक स्थानों पर शराब बिक्री पर प्रतिबंध।  

२. शराब पीकर घरेलू हिंसा करने वालों पर कानून की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कारवाई।  

३. पंचायत के सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीकर अड्डेबाज़ी करने वालों पर सख्त कारवाई।  

उपरोक्त प्रस्ताव पर पंचायत के चयनित प्रतिनिधि एवं ग्रामीणों के हस्ताक्षर लिए गए और प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव पूर्वक लागू किया जाए , यह तय हुआ।  

“बेटी का हित, आस पड़ोस सुरक्षित” अभियान को सफल बनाने में प्रगतिशील महिला मंच के सदस्यों ने अहम् भूमिका अदा की। खास कर इस अभियान को सफल बनाने में नेतृत्व कर रहीं तीन महिलाएँ उषा सिंह, बीणा प्रसाद और सबिता देवी की काफी सराहनीय भूमिका रही।  इनके कठिन परिश्रम और कर्मठता के कारण यह अभियान सफल हो पाया।  

Leave A Comment.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Get Involved.

Join the generation that is working to make the world equal and violence-free.
© 2024 Breakthrough Trust. All rights reserved.
Tax exemption unique registration number AAATB2957MF20214