प्रोग्राम के बारे में
महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा व भेदभाव की घटनाओं को बेहद सनसनीखेज अंदाज में दर्शाने या फिर उन्हें लेकर गलतबयानी करने से न सिर्फ दकियानूसी सांस्कृतिक मान्यताएं प्रबल होती हैं, बल्कि पीड़िताओं पर दोषारोपण की प्रवृत्ति को भी बढ़ावा मिलता है। ब्रेकथ्रू इन चिंताओं से निपटने की कोशिशों के तहत विभिन्न मीडिया संस्थानों के साथ मिलकर महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा व भेदभाव से जुड़े मुद्दों की संवेदनशील, जिम्मेदाराना तथा नैतिक रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करता है।
मजबूत इच्छा-शक्ति और प्रमुख हितधारकों की भागीदारी के बलबूते इस मिशन को आगे बढ़ाने के मकसद से ब्रेकथ्रू ने पेशेवर पत्रकारों के लिए एक मीडिया फेलोशिप प्रोग्राम (एमएफपी) तैयार किया है। एफएमपी के लिए भारत में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक या ऑनलाइन मीडिया में काम करने वाले पूर्णकालिक पत्रकार, स्वतंत्र पत्रकार (फ्रीलांसर), फोटो पत्रकार और वीडियो पत्रकार आवेदन कर सकते हैं। इसके जरिये उन्हें महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ लिंग आधारित हिंसा व भेदभाव से जुड़े मुद्दों पर जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग के प्रति जागरूक करने तथा उसकी बारीकियां सिखाने की पहल की गई है।
दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) और उत्तर प्रदेश के 10 पत्रकारों के एक समूह के साथ नौ महीने तक चलने वाले इस गहन फेलोशिप कार्यक्रम का मकसद लैंगिक भेदभाव/हिंसा पर आधारित खबरों को लेकर उनकी समझ व जागरूकता के स्तर को मजबूत करना है।
मीडिया फेलोशिप प्रोग्राम प्रशिक्षुओं को कार्यशालाओं (वर्कशॉप) के माध्यम से लैंगिक समानता विशेषज्ञों, वरिष्ठ पत्रकारों और अन्य संबंधित हितधारकों के साथ बातचीत करने का अवसर देगा। प्रशिक्षुओं को दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में ब्रेकथ्रू के हस्तक्षेप वाले इलाकों का दौरा करने, समुदाय के नेताओं से संवाद करने और जमीनी स्तर पर खबरें इकट्ठी करने का मौका मिलेगा। फेलोशिप कार्यक्रम के अंतिम तीन महीनों में अपनी समझ में हुई प्रगति को दर्शाने के लिए प्रत्येक प्रशिक्षु को प्रिंट या डिजिटल मीडिया मंच पर कम से कम अपने पांच लेख प्रकाशित करवाने होंगे। इनमें किसी भी ऑडियो/वीडियो मंच पर प्रासंगिक मुद्दों से जुड़े एक-एक लेख शामिल रहेंगे।