Impact Stories, हिंदी 16th February, 2017

ब्रेकथ्रू वालंटियर्स की पहलकदमी.

हम हरियाणा में पिछले 3 साल से नियमित रूप से कॉलेज युवाओं के साथ ट्रेनिंग और वर्कशॉप के माध्यम से काम करते आ रहे हैं। इसकी वजह से बड़ी संख्या में युवा लड़के और लड़कियाँ ब्रेकथ्रू के साथ जुड़कर काम कर रहे हैं। चाहे कोई ट्रेनिंग हो अथवा वीडियो वैन या फिर कोई कैम्पेन, युवाओं की अच्छी संख्या में सक्रिय साथ भागीदारी दिखाई दे रही है।

वीडियो मेकिंग वर्कशॉप के बाद से मनोज (वॉलेंटिअर) लगातार फेसबुक लाइव के ज़रिये सोशल मीडिया प्लेटफार्म का ज़बरदस्त इस्तेमाल कर रहा है। 9 फरवरी को पानीपत में संजय की स्टोरी पर डोक्यूमैंट्री बनाने के लिए नीदरलैंड की टीम आई थी। शूट के दौरान नाटक की प्रस्तुति के लिए SD कॉलेज की वॉलेंटिअर टीम ने खुद सिर्फ दो दिनों की रिहर्सल के बाद एक बेहतरीन नाटक प्रस्तुति की। इस नाटक की तैयारी के लिए वोलेंटियर टीम ने अपने आप ही एक दूसरे से बातचीत कर समय निर्धारित किया और काम किया। प्रस्तुति के पहले सबने मिलकर गलियों में जाकर लोगों को इक्कठा किया। इस दौरान वॉलेंटियर्स में बिलकुल भी झिझक नही थी वे खुद ही घरों में भी जाकर महिलाओं व पुरुषों को नाटक के लिए आमन्त्रित कर रहे थे।

नाटक प्रस्तुति के बाद वॉलेंटियर्स ने लोगों से बातचीत की और उनके दृष्टिकोण को जाना की वे इन समस्याओं व महिला अधिकारों के बारे में क्या सोचते हैं। असल में यही हमारी ब्रेकथ्रू जेनरेशन हैं जो ब्रेकथ्रू के संदेश को लेकर लोगों के बीच काम करेंगे। इस कार्यक्रम से लगा कि जिन वोलेंटियर्स को हम ब्रेकथ्रू जेनरेशन के रूप में देखने का प्रयास कर रहे हैं वह कारगर साबित हो रहा हैं।

नाटक के फेसबुक लाइव को लगभग 400 व्यूवर्स ने देखा तथा प्रत्यक्ष रूप से प्रस्तुति को 100 से 150 लोगों ने देखा। सबसे बड़ी बात इस नाटक को तैयार करवाने में हमारी कंसलटेंट भारती का बहुत बड़ा रोल रहा है जिसने लगातार 3 दिन इस टीम को डायरेक्शन दी। भारती की डायरेक्शन गजब की थी जिस कारण आज वालंटियर्स का उत्साह देखते ही बनता था। कालेज में स्टेज शो करना एक अलग बात है लेकिन इन वालंटियर्स ने बिना किसी झिझक और बिना अटके नुक्कड़ परफॉरमेंस दी जो भारती और इन वालंटियर्स की नेशनल वर्कशॉप और थिएटर वर्कशॉप के अनुभवों और सफलता का नतीजा है। इसके बाद वालंटियर्स ने पूरे महीने कई स्कूलों और गाँवों में नाटक करने का प्लान फाइनल किया है जिसमें वे तैयारी से लेकर परमिशन तक का हर काम खुद ही कर रहे हैं।

इसी कड़ी में दिनांक 12.2.2017 को पानीपत ज्योति कॉलोनी में “ब्रेकथ्रू जनरेशन” की दूसरी टीम ने अपने अभियान  का आगाज़ किया। पूरी ट्रेनिंग में बाकायदा जिम्मेवारियों का बंटवारा, अनुशासन आदि का प्लान खुद वालंटियर्स ने बनाया। सभी बच्चों का सिखने के साथ-साथ खूब मनोंरजन हुआ। जिसके कारण बच्चों ने फिर से ट्रेनिंग के लिए टीम को आमन्त्रित किया।

एक वालंटियर मोहन ने अपने प्रिंसिपल को PPT के माध्यम से बस समस्या और उसकी वजह से एक्सीडेंट, सेक्सुअल हरासमेंट का लिंक समझाया और रोडवेज़, प्रशासन के साथ मिलकर एक सेमिनार प्लान किया है।

नेैशनल लीडरशिप ट्रेनिंग के बाद सभी वालंटियर्स में काम करने का जुनून था लेकिन कैसे करें अभी वो ये नहीं समझ पा रहे थे जिसमें लोकल लेवल पर थिएटर वर्कशॉप ने काफी मदद की जिससे उन्हें बोलने में, खुद की हिचक तोड़ने और नाटक तैयार करने में मदद मिली।

वालंटियर्स की पहलकदमी खोलकर उनको स्वतंत्र रूप से प्रोग्राम लेना और ब्रेकथ्रू के प्रोग्राम पर निर्भर हुए बिना ब्रेकथ्रू के संदेश को फैलाना वर्कशॉप्स का मुख्य मकसद रहा है और हम अपने इस मकसद में कामयाब भी होते दिखाई दे रहे हैं।

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2 thoughts on “ब्रेकथ्रू वालंटियर्स की पहलकदमी

  1. नाटक के माध्यम से हमने समाज को समझाया कि *जितनी लडकिया बाहर समाज में होगी उतना ही समाज सुरक्षित व बेहतर बनेगा*

    1. बिलकुल। हमे इस बात को दौहराते रहना है।

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