22/2/2019
डिअर डायरी,
आज मैं बेरोज़गारी की समस्याओं से संबंधित, अपने विचारों को लिखना चाहता हूँ। आज हमारे देश में आधुनिकीकरण के कारण ही बेरोज़गारी की समस्यायें आयी हैं। जनसंख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। जो मज़दूर अपने जीवन को चलाने के लिए कुछ कार्य करते थे, आज आधुनिकीकरण के कारण उनको काम से हटा दिया जाता है।
हमारे गांव में १७ महत्वपूर्ण कंपनी में से एक कंपनी NTPC चलाई जा रही है। कितने परिवार इस कंपनी पर निर्भर थे लेकिन आज उन्हें उन कार्यों से हटा दिया गया क्योंकि हमने देखा कि जहाँ १०० मज़दूर कार्य करते थे वहाँ एक बड़ी मशीन है, जो एक ही मज़दूर द्वारा चलाई जा रही है। हमने देखा की १०० में से १ कार्य कर रहे हैं और पूरे ९९ लोग बेरोज़गार हो गए हैं।
हमने पाया कि जो ९९ लोग थे उन्हें काम न मिलने के वजह से वे लोग कुछ तो दूसरे कार्य करने लगे, कुछ गलत रास्ते में चले गए। कई पूर्ण रूप से बेरोज़गार हो गए। बेरोज़गारी के कारण ही हमने देखा कि वहाँ के लोग गलत कामों में लग गए जैसे चोरी, डकैती, लूट-पाट आदि। मज़दूर से परिवार की उम्मीदें जुड़ी थी, वह अपने आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कुछ भी करना आवश्यक समझे, जिससे उनका परिवार चल सके, उनका परिवार भूखा ना सोए।
बैंकों में कितने प्रकार के कर्मचारी कार्य में लगे होते थे और प्रत्येक कर्मचारी का अलग-अलग कार्य होता था। लेकिन आज हमारे जीवन में कंप्यूटर के आ जाने से जितने बैंक कर्मी एक महीने में जितना काम करते थे,आज एक कंप्यूटर से एक महीने का कार्य एक दिन में कर दिया जा रहा है। इससे कर्मचारी की आवश्यकता कम देखने को मिलती है। इस तरह बैंकों में भी कम लोगों को नौकरी मिलने लगी। यह सब बेरोज़गारी की समस्या को बढ़ाता है।
जहाँ तक मैंने देखा है, विज्ञान का चमत्कार एक अभिशाप भी हो सकता है।
Note: 2018 में ब्रेकथ्रू ने हज़ारीबाग और लखनऊ में सोशल मीडिया स्किल्स पर वर्कशॉप्स आयोजित किये थे। इन वर्कशॉप्स में एक वर्कशॉप ब्लॉग लेखन पर केंद्रित था। यह ब्लॉग पोस्ट इस वर्कशॉप का परिणाम है।